भारतीय झंडा
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22 जुलाई
1947 के दिन संविधान
सभा
ने
तिरंगे
को,
देश
के
झंडे
के
रूप
में
स्वीकार
किया
था.
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ये सिर्फ
रंग
नहीं
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केसरिया
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त्याग और बलिदान का प्रतीक
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सफेद
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सत्य, शांति और पवित्रता का प्रतीक
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हरा
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समृद्धता का प्रतीक
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अशोक चक्र
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न्याय का प्रतीक
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तिरंगा बना
पहचान
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7 अगस्त 1906
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पहली बार राष्ट्रीय झंडे को कोलकाता के पारसी बागान चौक पर फहराया गया
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1907
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जर्मनी के स्टटगार्ट में मैडम भीकाजी कामा ने दूसरा झंडा फहराया.
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1917
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डॉक्टर एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक ने कोलकाता में होम रूल आंदोलन के दौरान तीसरा झंडा फहराया.
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1921
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पिंगली वेंकैया ने हरे और लाल रंग का इस्तेमाल करते हुए झंडे तैयार किया.
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1931
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भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर तिरंगे को अपना लिया.
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तिरंगे का
निर्माता
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1921 में पिंगली वेंकैया ने हरे और लाल रंग का इस्तेमाल कर झंडा तैयार किया. ये दोनों रंग हिंदू और मुस्लिम समुदाय के प्रतीक थे. गांधी जी के सुझाव के बाद इसमें सफेद रंग की पट्टी और चक्र को जोड़ा गया, जो अन्य समुदाय के साथ देश की प्रगति का प्रतीक थे.
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भारतीयता का
प्रतीक
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झंडा सिर्फ खादी के कपड़े से तैयार होता है.
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सबसे बड़ा
झंडा
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कहां
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राँची शहर
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वज़न
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60 किलो
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आकार
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, ये 293 फीट की ऊंचाई पर फहराया गया.
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आसमान में
तिरंगा
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1984 में पहली बार अपोलो-15 से अंतरिक्ष में जाने वाले भारतीय राकेश शर्मा ने अपने स्पेस सूट पर तिरंगे को एक पदक के तौर पर लगाया. इसके बाद राकेश दो अन्य मिशन पर भी अंतरिक्ष में गए.
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सबसे ऊंची
चोटी
पर
तिरंगा
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29 मई 1953 में पहली बार माउंट एवरेस्ट पर तेनजिंग नोर्गे ने तिरंगा फहराया.
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