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Narendra hirwani




भारत और विश्व इतिहास में 15 जनवरी की प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं:
1759
 लंदन स्थित मोंटेगुवे हाउस में ब्रिटिश संग्रहालय की स्थापना हुई।


1784
 एशियाटिक सोसायटी आॅफ बंगाल की स्थापना।


1934
 बिहार में जबरदस्त भूकंप से करीब 20 हजार लोगों की मौत।


1949
 के एम करियप्पा भारतीय थल सेना के पहले कमांडर इन चीफ बने।तब से 15 जनवरी को सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है।


1965
 भारतीय खाद्य निगम की स्थापना।


1975
 पुर्तगाल ने अंगोला की आजादी के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किये।


1986
 थल सेना के प्रथम कमांडर इन चीफ के एम करियप्पा (सेवानिवृत्त)को फील्ड मार्शल की पदवी दी गई।


1988
 भारत के पूर्व गेंदबाज नरेंद्र हिरवानी ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुये वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने पदार्पण टेस्ट मैच में ही 16 विकेट निकाले


1998
 ढाका में त्रिदेशीय भारत, बांग्लादेश तथा पाकिस्तान का शिखर सम्मेलन प्रारम्भ।


1998
 नंदाजी के रूप में विख्यात गुलज़ारी लाल नंदा का निधन हुआ।


1999
 'एनी फ़्रैंक घोषणा पत्र' पर हस्ताक्षर करने वाले प्रथम विश्व नेता संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव कोफी अन्नान बने, पाकिस्तान में सभी नागरिक प्रशासनिक कार्य सेना को हस्तांतरित।


2006
 ब्रिटिश हाईकोर्ट ने क्वात्रोच्चि के दो बैंक खातों पर से प्रतिबंध हटाने का आदेश दिया।


2007
 सद्दाम के सौतेले भाई एवं इराकी अदालत के पूर्व प्रमुख फ़ाँसी पर चढ़ाये गये।






2008
सरकारी क्षेत्र की कंपनी गैस अथोरिटी ऑफ़ इण्डिया लिमिटेड (गेल) के बोर्ड ने महाराष्ट्र के दाभोल से बंगलुरु तक गैस पाइप लाइन बिछाने के प्रोजेक्ट को मंज़ूरी दी। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने 'गंगा र्क्सप्रेस वे परियोजना' का शिलान्यास किया।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की चीन यात्रा के दौरान भारत चीन सीमा विवाद पर बातचीत की गई। खगोलविदों ने धरती से 25 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर की आकाश गंगा के जीवन के लिये जरूरी तत्त्व खोजने का दावा किया।


2009
 दादा साहेब फाल्के पुरस्कार विजेता प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता तपन सिन्हा का निधन। फ़िल्म स्लमडॉग मिलेनियर को बाफ्टा पुरस्कार की श्रेणियों में स्थान मिला।


2010
 तीन घंटे से भी अधिक की अवधि वाला शताब्दी का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण लगा। भारत में यह 11 बजकर 06 मिनट पर शुरू होकर 3 बजकर पाँच मिनट पर खत्म हुआ। दोपहर 1.15 पर सूर्य ग्रहण अपने चरम पर था. यह वलयाकार सूर्य ग्रहण था। इसके कारण ऊपरी वातावरण पर तथा पृथ्वी के वातावरण पर पड़ने वाले प्रभावों के अध्ययन के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने छह रॉकेटों का प्रक्षेपण किया।